MY LUCKY CYCLE

                                  


                       सन 2015 में ये साइकिल मेरे पास आई ! पुरानी साइकिल होने के वजह से इसमें कुछ खराबी थी ! मैने सही करवाया । स्कूल, कॉलेज और कोचिंग का सफर और अन्य घरेलू काम मैने इसी साइकिल से किए । कानपुर में इंटर करने के बाद मैं लखनऊ आया ! तो ये साइकिल भी मेरे साथ आई और यहां भी साइकिल ने मेरा साथ दिया ।

                       इसे लगातार 5-6 सालों तक चलाया ! मगर 2–3 सालों से मैं साइकिल को चला नही पा रहा हूं ! फिर भी मैंने इसे खराब नहीं होने दिया । साइकिल को बीच में मैं सही भी करवाता रहा और कुछ वक्त के लिए चलाया भी मगर ज्यादा वक्त से खड़े रहने से ये खराब हो रही थी , इसलिए मैंने सोचा किसी को दे दूं साइकिल मेरी चलती रहेगी खराब नही होगी । साइकिल का खराब होने की वजह ये भी है की मुझे साइकिल चलाने का वक्त नही था । 

         मुझे लगता है अब साइकिल से अलविदा लेने वक्त आ गया है ! 8 सालों से साथ मेरी साइकिल ने मुझे हर मंजिल तक मुझे पहुंचाया ! कभी भी मुझे धोखा नही दिया मेरा कितना किराया बचाया कभी भी मुझे चोट नही लगने दी ! मगर आज अकेले एक किनारे खड़ी रहती है तो देखकर दुख होता है। मुझे लगता है ! अब साइकिल से अलविदा लेने का वक्त आ गया है । उसको भी जिंदगी जीने का हक है , पता नही क्यों इंसान को चीजों से भी मोहब्बत हो जाती है , ऊपर वाले का शुक्र है कि साईकिल मुझे मिली और इतने सालों तक साथ रहा । फिलहाल साइकिल से अलविदा लेता हूं ।।।।

 

  अपना ख्याल रखना . . . . . . . . . . . .  🚲

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                                       -   लेखक

                                     मोहम्मद सलमान


     

                                   

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